मुझे अपनी सैलरी पर कितना होम लोन मिल सकता है?
आमतौर पर आप अपनी सैलरी का 60 गुना तकहोम लोन प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन, लोन राशि निर्धारित करते समय लोनदाता आमतौर पर आपकी इन-हैंड सैलरी पर विचार नहीं करते हैं. आपकी इन-हैंड सैलरी में नीचे दी गई लिस्ट शामिल हो सकती है.
- बेसिक सैलरी
- मेडिकल अलाउंस
- लीव ट्रैवल अलाउंस
- हाउस रेंट अलाउंस
- अन्य अलाउंस, आदि.
अब, लोनदाता आपकी आय का आकलन करते समय मेडिकल और छुट्टी की यात्रा जैसे अलाउंस पर विचार नहीं करेगा. ये अलाउंस केवल विशेष कार्य के लिए प्रदान किए जाते हैं; इसलिए, फाइनेंशियल संस्थान इन्हें शामिल नहीं करते हैं.
मान लें कि आपकी इन-हैंड सैलरी ₹60,000 है और मेडिकल अलाउंस, LTA आदि को हटाने के बाद यह ₹49,000 हो जाती है. इसी राशि पर आपके होम लोन राशि की गणना की जाएगी. अगर आप मासिक किश्त का अनुमान लगाना चाहते हैं, तो आप हमारे होम लोन कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं
मासिक सैलरी के आधार पर होम लोन योग्यता की गणना कैसे करें?
मान लीजिए कि आप 30 वर्षीय बेंगलुरु के निवासी हैं. और आपके कोई भी फाइनेंशियल दायित्व या EMI नहीं है, तो आपकी सैलरी के हिसाब से आपको कितना होम लोन मिल सकता है, इसकी जानकारी नीचे दी गई है:
निवल मासिक सैलरी |
होम लोन राशि |
₹ 25,000 |
₹20,85,328 |
₹ 30,000 |
₹25,02,394 |
₹ 35,000 |
₹29,19,460 |
₹ 40,000 |
₹33,36,525 |
₹ 45,000 |
₹37,53,591 |
₹ 50,000 |
₹41,70,657 |
₹ 60,000 |
₹50,04,788 |
₹ 70,000 |
₹58,38,919 |
ऊपर दी गई वैल्यू की गणना बजाज फिनसर्व होम लोन योग्यता कैलकुलेटर से की गई है.
आपकी मासिक सैलरी के आधार पर होम लोन के लिए योग्यता की शर्तें
होम लोन योग्यता मुख्य रूप से उधारकर्ता की आय, क्रेडिट स्कोर, नौकरी की स्थिरता, आयु और अन्य फाइनेंशियल देयताओं पर आधारित होती है. लोनदाता उधारकर्ता की आय के आधार पर योग्य लोन राशि निर्धारित करने के लिए विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करते हैं.
आमतौर पर, लोनदाता अपनी लोन योग्यता की गणना करते समय उधारकर्ता की निवल मासिक आय पर विचार करते हैं. उधारकर्ता को मिलने वाली अधिकतम लोन राशि लोनदाता की पॉलिसी के आधार पर निर्धारित की जाती है. ये पॉलिसी बताती है कि उधारकर्ता ज़्यादा से ज़्यादा कितनी EMI भर सकता है.
एक सामान्य नियम के रूप में, EMI उधारकर्ता की मासिक आय के 50% से 60% से अधिक नहीं होनी चाहिए. उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति की मासिक आय ₹50,000 है, तो उनकी EMI लगभग ₹25,000 से ₹30,000 होनी चाहिए. मौजूदा ब्याज दरों और लोन अवधि के आधार पर, लोनदाता उधारकर्ता के लिए योग्य अधिकतम लोन राशि की गणना कर सकता है.
लोनदाता होम लोन योग्यता निर्धारित करते समय उधारकर्ता की आय के अलावा, उनके क्रेडिट स्कोर पर भी विचार करते हैं. उच्च लोन राशि और कम ब्याज दर प्राप्त करने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर आवश्यक है. उच्च क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं को अधिक क्रेडिट योग्य माना जाता है और उनके पास एक बड़ी राशि का लोन पाने की अधिक संभावना होती है.
होम लोन योग्यता निर्धारित करते समय लोनदाता जिन अन्य कारकों पर विचार करते हैं, उनमें उधारकर्ता की आयु, नौकरी की स्थिरता, मौजूदा लोन व देयताएं और प्रॉपर्टी की वैल्यू शामिल हैं. जो उधारकर्ता युवा हैं और जिनके पास स्थिर नौकरी है, उन्हें उच्च लोन राशि के लिए अधिक योग्य माना जाता है. कुल मिलाकर, भारत में होम लोन की योग्यता मुख्य रूप से उधारकर्ता की आय, क्रेडिट स्कोर, नौकरी की स्थिरता, उसकी आयु और अन्य फाइनेंशियल देयताओं पर आधारित होती है. सबसे बेहतर डील पाने के लिए उधारकर्ताओं को अपनी योग्यता का सावधानीपूर्वक आकलन करना चाहिए और अपने होम लोन को अंतिम रूप देने से पहले अलग-अलग लोनदाताओं के लोन ऑफर की तुलना करनी चाहिए.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी व्यक्ति को मिलने वाली वास्तविक लोन राशि कई कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. इसलिए सलाह दी जाती है कि लोन को अंतिम रूप देने से पहले अलग-अलग लोनदाताओं से बात करें और ऑफर की तुलना करें. इसके अलावा, उधारकर्ताओं को यह पहले से सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वे होम लोन की EMI का आसानी से भुगतान कर सकते हैं ताकि भविष्य में कोई आर्थिक परेशानी न हो.
हालांकि, आपकी आय के अलावा, आपकी वर्तमान EMI और निश्चित दायित्वों जैसे कारक भी आपकी पुनर्भुगतान क्षमता को प्रभावित करते हैं. इसलिए, बेहतर है कि आप होम लोन योग्यता कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके यह जांच लें कि आप कितने होम लोन के लिए योग्य हैं. यह टूल योग्य लोन राशि का पूर्वानुमान करते समय आपकी आय, लोन अवधि, अन्य मासिक आय और वर्तमान फाइनेंशियल दायित्वों जैसे कारकों पर विचार करता है.
सैलरी पर होम लोन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
- KYC डॉक्यूमेंट (पहचान और पते का प्रमाण)
- आय का प्रमाण (सैलरी स्लिप या P&L स्टेटमेंट)
- बिज़नेस का प्रमाण (स्व-व्यवसायी आवेदक के लिए), और
- पिछले 6 महीनों के अकाउंट स्टेटमेंट
ध्यान दें: यह एक सांकेतिक लिस्ट है जो आपकी वास्तविक लोन एप्लीकेशन के आधार पर बदल सकती है.
मासिक सैलरी से लोन योग्यता की गणना कैसे करें?
अपनी मासिक सैलरी से होम लोन योग्यता की गणना करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
- निवल मासिक आय निर्धारित करें: टैक्स और अन्य कटौतियों के बाद अपनी निवल आय की गणना करें.
- फिक्स्ड दायित्वों का आकलन करें: EMI, किराया आदि जैसी सभी मासिक फाइनेंशियल प्रतिबद्धताओं की पहचान करें.
- डेट-टू-इनकम रेशियो की गणना करें: सुनिश्चित करें कि कुल EMI (प्रस्तावित होम लोन EMI सहित) निवल मासिक आय के 40-50% से अधिक न हो.
- होम लोन योग्यता कैलकुलेटर का उपयोग करें: मासिक EMI का अनुमान लगाने के लिए लोन राशि, अवधि और ब्याज दर दर्ज करें.
- CIBIL स्कोर चेक करें: लोन योग्यता को अधिकतम करने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर सुनिश्चित करें.
नौकरी पेशा कर्मचारी के लिए होम लोन योग्यता को कौन से कारक प्रभावित करते हैं
नौकरी पेशा कर्मचारी की होम लोन योग्यता को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं. होम लोन अप्रूव करना है या नहीं और कितना लोन देना है, यह निर्धारित करते समय लोनदाता आमतौर पर नीचे दिए गए पहलुओं पर विचार करते हैं:
1. आय:
- वेतन: आपकी मासिक या वार्षिक सैलरी एक महत्वपूर्ण कारक है. उच्च आय आमतौर पर आपकी लोन योग्यता में सुधार करती है.
- आय की स्थिरता: लोनदाता स्थिर और नियमित आय वाले उधारकर्ताओं को प्राथमिकता देते हैं. अगर आप लंबे समय तक एक ही नियोक्ता के साथ हैं, तो यह आपकी योग्यता को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है.
2. आयु:
- युवा व्यक्तियों को लंबी पुनर्भुगतान अवधि चुनने का विकल्प मिल सकता है.
3. क्रेडिट स्कोर:
- अच्छा क्रेडिट स्कोर आपकी क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है. लोनदाता आपको लोन देने से जुड़े जोखिम का आकलन करने के लिए इसका उपयोग करते हैं. उच्च क्रेडिट स्कोर अक्सर बेहतर लोन शर्तें प्रदान करता है.
4. डेट-टू-इनकम रेशियो (DTI):
- लोनदाता आपके मौजूदा लोन पर विचार करके लोन चुकाने की आपकी क्षमता का मूल्यांकन करते हैं. कम डेट-टू-इनकम रेशियो (मासिक कर्ज़ भुगतान को मासिक आय से विभाजित किया जाता है) योग्यता को बढ़ाता है.
5. डाउन पेमेंट:
- डाउन पेमेंट के रूप में आप कितनी राशि दे सकते हैं, यह लोन राशि और शर्तों को प्रभावित कर सकती है. डाउन पेमेंट अधिक होने से लोन की शर्तें अधिक अनुकूल हो सकती हैं.
6. प्रॉपर्टी की वैल्यू:
- आप जिस प्रॉपर्टी को खरीदना चाहते हैं उसकी वैल्यू भी लोन की योग्यता को प्रभावित करती है. लोनदाता अक्सर प्रॉपर्टी की वैल्यू के कुछ प्रतिशत को ही फाइनेंस करते हैं और लोन राशि अक्सर सीमित होती है.
7. लोन की अवधि:
- लोन चुकाने की अवधि, यानी लोन वापस करने में लगने वाले समय, आपकी योग्यता पर असर डाल सकता है. ज़्यादा लंबी अवधि से शायद आप ज़्यादा लोन के लिए योग्य हो जाएं, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि आपको लोन की पूरी अवधि में ज़्यादा ब्याज देना पड़ेगा.
8. रोज़गार का प्रकार:
- कुछ लोनदाताओं के पास आपकी रोज़गार की प्रकृति (जैसे, स्थायी, कॉन्ट्रैक्ट या स्व-व्यवसायी) के आधार पर विशिष्ट शर्तें हो सकती हैं.
9. मौजूदा लोन और देयताएं:
- आपके मौजूदा लोन और फाइनेंशियल देयताएं आपकी योग्यता को प्रभावित कर सकती हैं. लोनदाता नया लोन अप्रूव करने से पहले आपके कुल फाइनेंशियल दायित्वों पर विचार कर सकते हैं.
10. सह-आवेदक की आय:
- स्थिर आय वाले सह-आवेदक को शामिल करने से योग्यता और लोन राशि बढ़ सकती है.
अगर आपकी सैलरी होम लोन लेने के लिए योग्य नहीं है, तो क्या करें?
अगर आपकी सैलरी होम लोन लेने के लिए योग्य नहीं है, तो इन विकल्पों पर विचार करें:
- सह-आवेदक जोड़ें: योग्यता बढ़ाने के लिए उच्च आय वाले अपने जीवनसाथी या परिवार के किसी अन्य सदस्य को शामिल करें.
- लंबी अवधि का विकल्प चुनें: EMI के बोझ को कम करने के लिए लंबी पुनर्भुगतान अवधि चुनें.
- मौजूदा कर्ज़ का भुगतान करें: अपने डेट-टू-इनकम रेशियो को बेहतर बनाने के लिए किसी भी बकाया लोन को क्लियर करें.
- अतिरिक्त आय दिखाएं: बोनस, किराए की आय या आय के अन्य स्रोत शामिल करें.
- क्रेडिट स्कोर में सुधार करें: लोन अप्रूवल की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एक अच्छा क्रेडिट इतिहास बनाए रखें.
- बड़े डाउन पेमेंट के लिए बचत करें: आवश्यक लोन राशि को कम करें.
अपनी आय के आधार पर होम लोन विकल्प देखें
सामान्य प्रश्न
नौकरी पेशा कर्मचारी के रूप में, आप अपनी क्रेडिट प्रोफाइल और योग्यता की शर्तों के आधार पर 15 करोड़* तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं.
अगर आपकी सैलरी ₹70,000 है, तो आप ₹58,38,919 की अनुमानित राशि का होम लोन प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन, अंतिम लोन राशि विभिन्न कारकों पर भी निर्भर करती है, जिसमें फाइनेंशियल संस्थानों की लेंडिंग पॉलिसी और आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल शामिल हैं. आमतौर पर, लोनदाता आपकी लोन योग्यता निर्धारित करने के लिए आपकी आय, मौजूदा फाइनेंशियल दायित्व और क्रेडिट योग्यता पर विचार करते हैं.
प्रति माह ₹1 लाख की सैलरी पर आपको मिलने वाली लोन राशि कई कारकों पर निर्भर करेगी, जिसमें फाइनेंशियल संस्थानों की लेंडिंग पॉलिसी, आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल और अन्य वेरिएबल शामिल हैं. लोनदाता आपकी लोन योग्यता निर्धारित करने के लिए आपकी आय, मौजूदा फाइनेंशियल दायित्व, क्रेडिट योग्यता और लोन अवधि जैसे कारकों पर विचार करते हैं.
हालांकि लोनदाताओं के अनुसार विशिष्ट लोन योग्यता की गणना अलग-अलग हो सकती है, लेकिन सामान्य तरीका यह है कि वे आपकी मासिक आय पर विचार करते हैं और योग्य अधिकतम लोन राशि निर्धारित करने के लिए लोन-टू-इनकम रेशियो अप्लाई करते हैं.
होम लोन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न्यूनतम सैलरी अलग-अलग लोनदाताओं के अनुसार अलग-अलग होती है और लोन राशि, क्रेडिट योग्यता और स्थानीय नियमों जैसे कारकों पर निर्भर करती है. लोनदाता आमतौर पर आवेदक के डेट-टू-इनकम रेशियो, क्रेडिट स्कोर और आय की स्थिरता का आकलन करते हैं.
₹20,000 की मासिक सैलरी पर आपको मिलने वाले होम लोन की राशि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें लेंडिंग संस्थान की पॉलिसी, आपकी क्रेडिट योग्यता और मौजूदा ब्याज दरें शामिल हैं. लोनदाता आमतौर पर आपकी योग्यता का आकलन करने के लिए डेट-टू-इनकम रेशियो का उपयोग करते हैं, और यह रेशियो आपकी आय का वह प्रतिशत है जो लोन चुकाने की दिशा में जाता है.
₹60,000 की सैलरी पर आपको मिलने वाली होम लोन राशि लेंडिंग संस्थान की पॉलिसी, आपकी क्रेडिट योग्यता, लोन अवधि और ब्याज दरों जैसे कारकों पर निर्भर करती है. सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए, ऐसे विशिष्ट लोनदाता से परामर्श करें जो आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल का आकलन कर सकते हैं और आपको योग्य लोन राशि और शर्तों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं.
आपकी प्रति माह सैलरी ₹62,000 है, तो आपको आमतौर पर लगभग ₹37-46 लाख का होम लोन मिल सकता है. यह मानकर कि फाइनेंशियल संस्थान मासिक आय का 60-75% तक उधार देते हैं और आपके क्रेडिट स्कोर व मौजूदा देयताओं को ध्यान में रखते हैं.
₹40 लाख के होम लोन के लिए, आपको आमतौर पर फाइनेंशियल संस्थान की शर्तों के आधार पर ₹67,000-80,000 की मासिक सैलरी की आवश्यकता होती है. वैसे यह 20-25 वर्ष की अवधि और मासिक आय का 50% EMI के लिए रखने पर आधारित है.
हां, सैलरी ब्रैकेट होम लोन राशि को प्रभावित करते हैं. लोनदाता आमतौर पर उच्च वेतन वाले व्यक्तियों को उच्च लोन राशि प्रदान करते हैं, क्योंकि यह अधिक पुनर्भुगतान क्षमता को दर्शाता है. प्रत्येक सैलरी ब्रैकेट में लोनदाता की शर्तों और आपकी आय की स्थिरता के आधार पर संबंधित अधिकतम लोन लिमिट होती है.
लोनदाता मुख्य रूप से होम लोन की गणना के लिए आपकी कुल सैलरी पर विचार करते हैं. सकल सैलरी कटौतियों से पहले आपकी कुल आय को दर्शाती है, जो आपकी पुनर्भुगतान क्षमता निर्धारित करने में मदद करती है. कटौती के बाद मिलने वाली नेट सैलरी, लोन की योग्यता तय करने के लिए उतनी ज़रूरी नहीं है, लेकिन यह आपकी खर्च करने योग्य आय पर असर डालती है.
हां, पति/पत्नी या किसी अन्य सह-आवेदक के साथ संयुक्त रूप से अप्लाई करने से आपकी होम लोन राशि बढ़ सकती है. लोनदाता सभी आवेदकों की संयुक्त आय पर विचार करते हैं, जो पुनर्भुगतान क्षमता को बढ़ाते हैं और संभावित रूप से बड़े लोन की अनुमति देते हैं. यह सह-आवेदकों के बीच फाइनेंशियल जिम्मेदारी को भी बढ़ाता है.
हां, PMAY (प्रधानमंत्री आवास योजना) जैसी सरकारी स्कीम होम लोन पर सब्सिडी प्रदान करती हैं, जिससे आपको उच्च लोन राशि प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. ये स्कीम आपकी सैलरी और योग्यता की शर्तों के आधार पर कम ब्याज दरें और अतिरिक्त फाइनेंशियल सहायता जैसे लाभ प्रदान करती हैं.
होम लोन योग्यता की गणना करने के लिए एक सामान्य फॉर्मूला है कि आपकी कुल मासिक आय का कुछ प्रतिशत EMI (समान मासिक किश्त) के रूप में तय किया जाए. आमतौर पर, लोनदाता EMI भुगतान के लिए आपकी कुल आय के 40-50% तक की अनुमति देते हैं. वे मौजूदा देयताओं और क्रेडिट स्कोर जैसे अन्य कारकों पर भी विचार करते हैं.