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25 मई 2021

व्यक्ति पर्सनल लोन ले सकते हैं, जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. उदाहरण के लिए घर का रेनोवेशन, घर के रेनोवेशन से लेकर, अंतर्राष्ट्रीय छुट्टियों पर जाने और कर्ज़ समेकन तक. ये आमतौर पर अनसिक्योर्ड होते हैं, जिसका मतलब है कि आपको कोलैटरल प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है, जिससे ये ग्राहकों के लिए आकर्षक फाइनेंसिंग विकल्प बन जाते है. लेकिन, लोनदाता के लिए जोखिम अधिक होता है, और इसलिए पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी अधिक होती हैं. इसके अलावा, पर्सनल लोन के लिए अप्रूवल प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है.

यहां कुछ चरण दिए गए हैं जिन्हें अपनाकर आप पर्सनल लोन प्राप्त करने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं.

1. अप्लाई करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर चेक करें

आपका क्रेडिट स्कोर लोन चुकाने की आपकी क्षमता को दर्शाता है. इसलिए, आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, लोन अप्रूवल की आपकी संभावना उतनी ही बेहतर होगी. आदर्श रूप से, अगर आपका क्रेडिट स्कोर 685 या इससे अधिक है, तो आपके लोन को आसानी से अप्रूव होने में मदद मिल सकती है. अगर आपका स्कोर कम है, तो किसी भी बैंक या NBFC से पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले इंतज़ार करना और इसमें सुधार करना बेहतर होगा. आप अपने मौजूदा कर्ज़ और सभी बिलों का समय पर भुगतान करके, अपने क्रेडिट कार्ड को अधिकतम उपयोग न करके अपने क्रेडिट में सुधार कर सकते हैं.

2. कई लोन एप्लीकेशन न करें

यह सोचकर कि कम से कम एक लोनदाता से लोन अप्रूव्ड हो जाएगा, कृपया अलग-अलग लोनदाताओं के पास कई लोन आवेदन न भेजें. इससे ऐसा लगेगा है कि आप लोन लेने के लिए बेताब है, जिससे गलत प्रभाव पड़ेगा कि आपको अपने खर्चों को पूरा करने के लिए एक से अधिक लोन की आवश्यकता है. इसके अलावा, अगर आपको इन लोन के लिए अप्रूवल नहीं मिलता है, तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाएगा, जिससे किसी भी लोन के लिए अप्रूवल प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.

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3. लोन एप्लीकेशन के बीच न्यूनतम 6 महीनों का अंतर पाएं

अपने लोन एप्लीकेशन के बीच कम से कम 6 महीनों का अंतर रखना बेहतर है. अन्यथा आपका लोनदाता लोन चुकाने की आपकी क्षमता पर संदेह कर सकता है. अगर पर्सनल लोन लेने के पीछे कोई विशेष कारण नही है, तो अप्लाई करने से पहले कुछ महीनों तक इंतज़ार करें ताकि लोन अप्रूव होने संभावना बेहतर हो सके.

4. अपने लोनदाता को सावधानीपूर्वक चुनें

यह आवश्यक है कि आप अपना होमवर्क करें और अपने लोनदाता को चुनने से पहले लोन की तुलना करें. अपने खराब क्रेडिट स्कोर के कारण भले ही आपको ऐसा लोनदाता चुनना पड़े जो उच्च जोखिम वाले उधारकर्ताओं में विशेषज्ञता रखता हो, फिर भी आपको सावधान रहने की ज़रूरत है. किसी भी कीमत पर पे-डे और टाइटल लोन से बचें. ये लोन आपको इनमें लगने वाली अत्यधिक उच्च फीस के द्वारा स्थायी रूप से कर्ज़दार बनाएं रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. ऐसे किसी भी ऑफर से बचें जो सुनने में कुछ ज़्यादा ही अच्छे लगता हो.

5. अपने डेट-टू-इनकम रेशियो के प्रति सावधान रहें

आदर्श रूप से, आपको अपनी आय के 40% से अधिक EMI पर खर्च नहीं करना चाहिए. इसलिए, अगर आप एक महीने में ₹25,000 कमाते हैं, तो आपको अपनी EMI के लिए ₹10,000 से अधिक का भुगतान नहीं करना चाहिए. अपने कर्ज़ को अपनी कुल आय से विभाजित करने पर आपको अपना डेट-टू-इनकम रेशियो मिलता है. इसे जितना संभव हो उतना कम रखना अच्छा रहेगा, इसका मतलब है कि अनावश्यक रूप से पैसे उधार न लें. लोनदाता ऐसे लोन अप्रूव नहीं करेंगे जो आपके सामर्थ्य से बाहर हों.

अंत में, पर्सनल लोन के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना आसान है और इससे अप्रूवल भी तेज़ मिलता है.

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