ATM धोखाधड़ी: ATM धोखाधड़ी के प्रकार

ATM धोखाधड़ी: खुद को सुरक्षित रखने के लिए सभी ज़रूरी जानकारियां.
ATM धोखाधड़ी: ATM धोखाधड़ी के प्रकार
3 मिनट
04-May-2023

ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानी ATM तुरंत कैश ट्रांज़ैक्शन करने का सबसे सुविधाजनक तरीका बन चुके हैं. वे आपको बैंक जाने की परेशानी से बचाते हैं. ये मशीनें शॉपिंग मॉल से लेकर ऑफिस, एयरपोर्ट और स्टेशन तक हर जगह उपलब्ध हैं.

पिछले कुछ वर्षों में ATM धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि हुई है. ATM धोखाधड़ी मूल रूप से किसी के अकाउंट से पैसे निकालने के लिए उसके ATM कार्ड और पिन को गैरकानूनी ढंग से हासिल करने की धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधि है. ATM में सेंधमारी करके पैसे चुराना एक और प्रकार की ATM धोखाधड़ी है.

विभिन्न प्रकार की ATM धोखाधड़ी के बारे में जानना और खुद को उनका शिकार होने से बचाना आवश्यक है.

ATM स्कैम और धोखाधड़ी: सुरक्षित रहने के लिए अधिक जानें

  • स्किमिंग

    ATM कार्ड की पूरी नकल बनाने के लिए उससे इलेक्ट्रॉनिक विधि से डेटा चोरी करना, और फिर शिकार के अकाउंट से अनधिकृत ट्रांज़ैक्शन करना.

  • शिमिंग

    मशीन पर शिमिंग डिवाइस नामक एक छोटा सा डिवाइस लगा देना, जो ATM कार्ड की चुंबकीय जानकारी इकट्ठी करता है.

  • क्लोनिंग

    ATM कार्ड क्लोनिंग एक प्रकार की फिशिंग भी है. क्लोनिंग करने वाले अपराधी मुख्य रूप से उन बुज़ुर्गों को निशाना बनाते हैं जो ऐसी धोखाधड़ी के बारे में इतने सजग और सतर्क नहीं होते हैं.

  • ट्रैपिंग

    ट्रैपिंग डिवाइस लगा देना जो ATM कार्ड को मशीन के कार्ड स्लॉट में फंसा देता है. जब शिकार अपना कार्ड वापस पाने के लिए मदद लेने जाता है तो उस दौरान अपराधी कार्ड चुरा लेता है.

  • कीबोर्ड जैमिंग

    अपराधी 'एंटर' या 'कैंसल' जैसे महत्वपूर्ण ATM बटन जाम कर देते हैं ताकि शिकार का ट्रांज़ैक्शन विफल हो जाए. जब शिकार मदद पाने के लिए चला जाता है तो अपराधी कार्ड चुरा लेते हैं.

ATM कार्ड धोखाधड़ी: रोकथाम के सुझाव

  • चेक करें कि मशीन पर कोई बाहरी या अनजाना डिवाइस न लगा हो.
  • ऐसे ATM में न जाएं जो सुनसान इलाकों में हैं या जहां गार्ड नहीं है.
  • चेक करें कि कहीं कोई छिपा कैमरा तो नहीं है.
  • ATM के अंदर या उसके आस-पास अगर संदिग्ध लोग दिखें तो वहां से निकल जाएं.

ATM स्किमिंग: आपके जानने लायक चीजें

  • अपराधी मशीन में ही एक छोटा सा डिवाइस लगा देते हैं जो कार्ड स्वाइप करने पर उसका डेटा चुरा लेता है.

  • अपराधी अपने शिकार का पिन जानने के लिए ATM के भीतर कैमरे भी लगाते हैं.

कैसे पता करें कि ATM में स्किमर है या नहीं

  • चेक करें कि कार्ड स्लॉट कहीं असामान्य रूप से बाहर तो नहीं निकला हुआ है.

  • चेक करें कि कहीं कीपैड सामान्य से अधिक मोटा तो नहीं लग रहा.

  • चेक करें कि मशीन पर कहीं कोई टेप या ग्लू तो नहीं है और ATM में कोई कैमरा तो नहीं लगा हुआ.

ATM स्किम कैसे काम करता है

ATM स्किमिंग एक स्किमिंग डिवाइस से की जाती है; इस डिवाइस के दो भाग होते हैं:

  • पहला भाग है एक छोटा सा डिवाइस जो मशीन में घुसाए गए कार्ड की चुंबकीय पट्टी में मौजूद जानकारी कॉपी कर लेता है.

  • दूसरा भाग है एक छोटा सा कैमरा जो पिन दर्ज करते समय शिकार की फोटो खींचता है.

ATM स्किमिंग को रोकने के सुझाव

दिए गए सुझावों का पालन करें:

  • किसी भी संदिग्ध चीज़ के लिए ATM में और उसके आस-पास के क्षेत्र की जांच करें.

  • चेक करें कि मशीन कहीं से क्षतिग्रस्त तो नहीं है या उसका कीपैड क्षतिग्रस्त या असामान्य मोटाई वाला तो नहीं है.

  • पिन दर्ज करते समय कीपैड को ढके रखें.

स्किमिंग की घटना की रिपोर्ट करना

स्किमिंग के शिकारों को तुरंत बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र को ATM धोखाधड़ी के मामले की रिपोर्ट करनी चाहिए और संकटग्रस्त कार्ड को ब्लॉक करवाकर नया कार्ड बनवाना चाहिए. साथ ही, ऐसी धोखाधड़ी के विरुद्ध खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए बजाज फाइनेंस इंश्योरेंस मॉल से Wallet Care जैसे प्लान खरीदने में भी समझदारी है.

हम ATM धोखाधड़ी के बारे में बात करते हैं, लेकिन अन्य प्रकार की धोखाधड़ी के बारे में भी आपको बताना ज़रूरी है. इससे, जब आप अपनी जानकारी ऑनलाइन अजनबियों से शेयर करेंगे या उनके साथ उपयोग करेंगे तो आप अधिक सतर्क रहेंगे.

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी

क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी तब होती है जब कोई अपराधी किसी व्यक्ति का क्रेडिट कार्ड नंबर और पिन गैरकानूनी ढंग से हासिल कर लेता है. उसके बाद वह अपराधी उस जानकारी का उपयोग करके शिकार की ओर से फाइनेंशियल ट्रांज़ैक्शन कर सकता है.

ऑनलाइन धोखाधड़ी?

इंटरनेट पर की गई कोई भी धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधि ऑनलाइन धोखाधड़ी है. इनमें ऑनलाइन स्पैम, स्कैम, पहचान की चोरी, फाइनेंशियल धोखाधड़ी और कई अन्य चीज़ें शामिल हैं.

फिशिंग - सतर्क रहें

गोपनीय और संवेदनशील जानकारी, जैसे कार्ड विवरण, लॉग-इन क्रेडेंशियल या पासवर्ड की चोरी करने हेतु की गईं धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधियों को फिशिंग माना जाता है. फिशिंग इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों, जैसे टेक्स्ट या ईमेल, के ज़रिए होती है; इसमें अपराधी ऐसे टेक्स्ट या ईमेल भेजते हैं जो देखने में भरोसेमंद कंपनियों से आए लगते हैं.

UPI के बारे में जानें और UPI धोखाधड़ी को कैसे रोकें

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक भुगतान सिस्टम है जो विभिन्न बैंकों के अकाउंट धारकों को अपने स्मार्टफोन से तुरंत ट्रांज़ैक्शन करने की सुविधा देता है. UPI के उपयोग में वृद्धि के साथ, अपराधियों ने अब UPI धोखाधड़ी करने हेतु ट्रांज़ैक्शन को अधिकृत करने के लिए पिन या OTP हासिल करने के उद्देश्य से भुगतान अनुरोध विकल्प का दुरुपयोग शुरू कर दिया है.

UPI से संबंधित धोखाधड़ी से बचने के सुझाव

  • OTP या UPI पिन कभी भी किसी को भी न दें.
  • कोई भी असुरक्षित लिंक न खोलें.
  • भुगतान अनुरोध की जांच करें.
  • संदिग्ध एप्लीकेशन डाउनलोड न करें.
  • UPI ID स्कैन करते समय सावधानी बरतें.

डेटा नुकसान और रोकथाम

डेटा लॉस का अर्थ किसी व्यक्ति द्वारा अपना गोपनीय डेटा इस प्रकार खो देने या उसके संकट में पड़ जाने से है जिसमें डेटा स्वामी अपना डेटा एक्सेस नहीं कर पाता है.

अब अधिकांश डेटा स्टोरेज ऑनलाइन हो चुकी है, ऐसे में डेटा लॉस प्रिवेंशन (DLP) को लागू करना बहुत महत्वपूर्ण है. DLP न होने पर संगठनों और व्यक्तियों के लिए ये जोखिम मौजूद होते हैं:

  • खोए डेटा का एक्सेस अन्य थर्ड पार्टी को भी मिल जाता है और भविष्य में इससे और समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
  • अपराधी चुराए गए डेटा का उपयोग अधिक संवेदनशील जानकारी, जैसे फाइनेंशियल विवरण, हासिल करने में कर सकते हैं और उससे अनधिकृत ट्रांज़ैक्शन कर सकते हैं.
  • हैकर डार्क वेब पर यूज़र की गोपनीय जानकारी को एक्सेस कर सकते हैं.

वॉलेट और कार्ड प्रोटेक्शन प्लान के साथ धोखाधड़ी से सुरक्षा

बजाज फाइनेंस इंश्योरेंस मॉल पर मिलने वाले वॉलेट और कार्ड प्रोटेक्शन प्लान आपको धोखाधड़ी से उत्पन्न फाइनेंशियल देयताओं के विरुद्ध आर्थिक सुरक्षा पाने में मदद देते हैं. इन प्लान में कई लाभ होते हैं, जैसे जो भी बकाया बिल हैं उन्हें कार्ड जारीकर्ता कार्ड धारक की ओर से और कवरेज राशि की सीमा तक खुद वहन करेगा.

इन प्लान ने सिंगल-कॉल कार्ड ब्लॉकिंग, पैन रिप्लेसमेंट, 24/7 हेल्पलाइन और एमरजेंसी ट्रैवल असिस्टेंस संभव बनाया है.

जब धोखाधड़ी की बात आती है, तो उसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि किसी भी जानकारी को ऑनलाइन या अन्यथा शेयर करते समय सतर्क और सावधान रहें. खुद को सुरक्षित रखने का एक और तरीका यह है कि हमारा कोई वॉलेट और कार्ड प्रोटेक्शन प्लान चुनें और निश्चिंत हो जाएं.

सामान्य प्रश्न

ATM धोखाधड़ी कैसे की जाती है?

ATM धोखाधड़ी कई तरीकों से की जा सकती है, जैसे कार्ड स्किमिंग, कार्ड ट्रैपिंग और कैश ट्रैपिंग. कार्ड स्किमिंग में ATM पर एक ऐसा डिवाइस लगा दिया जाता है जो व्यक्ति द्वारा पिन दर्ज किए जाते समय कार्ड की जानकारी पढ़कर स्टोर कर लेता है. कार्ड ट्रैपिंग में ATM के अंदर एक ऐसा डिवाइस लगा दिया जाता है जो ट्रांज़ैक्शन के बाद कार्ड को निकलने नहीं देता है. कैश ट्रैपिंग में एक ऐसा डिवाइस होता है जो कैश निकलने पर उसे रोक लेता है, ताकि अपराधी बाद में उसे निकाल सके.

ATM धोखाधड़ी की पड़ताल कैसे करें?

ATM धोखाधड़ी की जांच में अपराधियों की पहचान के लिए CCTV फुटेज का विश्लेषण, फिंगरप्रिंट और DNA साक्ष्य की जांच और फाइनेंशियल ट्रांज़ैक्शन का विश्लेषण किया जाता है. प्रमाण एकत्र करने और अपराधियों को ट्रैक करने के लिए जांच में बैंक, पुलिस और ATM निर्माता शामिल हो सकते हैं.

ATM कार्ड का दुरुपयोग कैसे होता है?

ATM कार्ड का दुरुपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे अनधिकृत निकासी, पिन चोरी और फिशिंग. जब कोई अपराधी किसी अन्य व्यक्ति के कार्ड विवरण का उपयोग करके कैश निकालता है तो इसे अनधिकृत निकासी कहते हैं. जब कोई अपराधी किसी व्यक्ति का पिन देखता या चोरी करता है तो इसे पिन चोरी कहते हैं. फिशिंग में व्यक्ति को नकली कम्युनिकेशन चैनलों के ज़रिए इस प्रकार धोखा दिया जाता है कि वह अपना कार्ड विवरण और पिन बता दे.

बैंक ATM धोखाधड़ी को कैसे रोकते हैं?

ATM धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंक कई उपायों का सहारा लेते हैं, जैसे कार्ड चिप टेक्नोलॉजी, टू-फैक्टर अथॉन्टिकेशन और ATM लोकेशन मॉनिटरिंग. कार्ड चिप टेक्नोलॉजी स्किमिंग को रोकने के लिए एन्क्रिप्शन की एक अतिरिक्त परत जोड़ती है, वहीं टू-फैक्टर अथॉन्टिकेशन पिन के साथ-साथ कोई अन्य प्रकार का वेरिफिकेशन, जैसे बायोमेट्रिक स्कैन, भी आवश्यक करता है. ATM लोकेशन मॉनिटरिंग में असामान्य गतिविधि का पता लगाने और कार्ड स्किमिंग तथा अन्य प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए ATM उपयोग के पैटर्न को ट्रैक करके उसका विश्लेषण किया जाता है.

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