उद्यमियों के लिए फाइनेंस के स्रोतों को मोटे तौर पर दो कैटेगरी में बांटा जा सकता है:
1. बाहरी वित्तपोषण
एंटरप्रेन्योर लोन ले सकते हैं जो चाहे कम अवधि, मध्यम अवधि या लंबी अवधि का हो. एंटरप्रेन्योर फाइनेंस का एक बड़ा भाग लोन राशि में से आता है. फंड के इस स्त्रोत से इंटरप्रेन्योर संपत्ति खरीदते समय आने वाली पैसों की कमी, बिज़नेस बढ़ाने या विस्तृत करने आदि जैसी स्तिथियों को संभाल सकता है. लोन लेना भी एक तरह से लाभ के विपरीत की काम करता है इसीलिए अपने बिज़नेस की टैक्स दायित्व को कम करें.
बजाज फिनसर्व 20 लाख तक का एंटरप्रेन्योर लोन बिना किसी जमानत के आकर्षक ब्याज़ दर पर देता है. इन लोन की एप्लीकेशन प्रक्रिया बेहद आसान है और लोन लेने के लिए केवल 2 डॉक्यूमेंट की आवश्यकता है.
2. मालिक की इक्विटी
व्यवसाय के मालिक की इक्विटी का मतलब उस बिज़नेस राशि से है जो खुद एंटरप्रेन्योर द्वारा ही दी जाती है. हालांकि, यह विकल्प जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि इसमें बिज़नेस का मालिक अपनी पर्सनल धनराशि को ज़मानत पर रखता है. ऐसा स्त्रोत फंड की ज़रूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त ना हो और डेब्ट फंड के विपरीत, यह इक्विटी पर डिविडेंड के रूप में दिया जाने वाले समायोजित लाभ पर कंपनी द्वारा चुकाए जाने वाली टैक्स की राशि को बढ़ाएगा अर्थात कंपनी का शुद्ध लाभ, जिस पर टैक्स की गणना की जाएगी यह उसमें से नहीं काटा जाएगा.