2016 से डिजिटल और UPI फ्रॉड के देश में बढ़ते मामले |
विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड से अपने आप को बचाएँ |
रिमोट स्क्रीन मॉनिटरिंग का उपयोग करें |
किसी भी फ़ोन कॉल अथवा एस-एम-एस से भेजे गए मैसेज को जांच ले |
बदलते भारत के साथ भारत का बैंकिंग सिस्टम भी बहुत हद तक बदल रहा है। 2016 में आई फाइनेंशियल क्रांति ने सब कुछ ऑनलाइन कर दिया है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NCPI) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थापित किया गया संसथान है जो यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) के साथ मिलकर हम सभी देशवासियों के लिए सभी भुक्तान ऑनलाइन करता है | इससे हम सभी के आधार कार्ड लिंक करे जाते हैं ताकि किसी भी पेमेंट फ्रॉड के प्रकार को पकड़ा जा सके पर इतने विकल्पों के बावजूद भी कुछ फ्रॉड बच निकलते है और वे सिर्फ आपका और आपके आस पास के लोगो का ही नहीं बल्कि सरकार का भी बहुत नुकसान करते हैं |
आइये जानते हैं कि ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड से किस प्रकार बचा जा सकता है और आपको कहाँ-कहाँ चौकन्ना होने की ज़रूरत है।
रिमोट स्क्रीन मॉनिटरिंग - कई बार हम गूगल प्लेस्टोर से कुछ ऐसे ऐप डाउनलोड कर लेते हैं जो हमारा सभी पर्सनल डाटा निकाल लेते हैं। ऐसे में ख्याल रखें की आप ऐसी कोई ऐप डाउनलोड न करें जो अनवेरिफाइड हो।
फेक कॉल्स - आज कल बहुत से सीधे-साधे लोग इसका शिकार बन जाते हैं। आए दिन हम सभी के पास इन फ्रॉड लोगो के फ़ोन आते हैं। कॉल पर ये आपसे आपकीयूपीआईडिटेल्स मांगते हैं। इन्हे अपनी कोई बैंक एवं यूपीआई डिटेल्स न दें। आपका बैंक या कोई भी रिटेलर कभी भी आपसे आपकी यूपीआई या बैंक डिटेल्स नहीं मांगते हैं।
अनवेरिफाइड लिंक्स - कई बार कुछ फ्रॉड लिंक्स आपको कोई क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए कहते हैं। याद रखें की आपको ऐसा कुछ करने की कभी ज़रूरत नहीं है। इन अनवेरिफाइड वेबसाइट्स के भेजे बार कोड्स को स्कैन न करें, इससे आपके बैंक डिटेल्स लीक होने का खतरा हो सकता है।
वेरीफाई करे कॉन्टेक्ट्स - धोखेबाज कई बार आपको आपके नंबर पर मैसेजिस भी छोड़ सकते हैं ताकि आप खुद ही उनके जाल में फस जाएँ। ये कई बार एम्प्लॉयमेंट प्रोविडेंट फण्ड (EPFO) या इंश्योरंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDF) का नाम लेकर भी आपको संपर्क कर सकते हैं पर याद रखें की ये संसथान आपको खुद कभी कॉल या मैसेज नहीं करते हैं। इनके नाम देख या सुन किसी फ्रॉड के झांसे में बिलकुल न आएं।
सिर्फ वेबसाइट से ही लें नंबर - कई बार हमें किसी जानकारी को प्राप्त करने के लिए बैंक या इंश्योरंस एजेंसी के नंबर की आवश्यकता पड़ जाती है, ऐसे में हेल्पलाइन नंबर को कभी भी गूगल न करें। कई बार धोखेबाज फेक वेबसाइट्स बना कर आपको फसाने की कोशिश कर सकते हैं, इसीलिए सिर्फ ऑथेंटिक वेबाइट्स से ही हेल्पलाइन नंबर निकालें।
याद रखें की आप अपनी निजी जानकारी जैसे की आपके UPI पिन अथवा बैंक की कोई भी जानकारी किसी को फोन पर तो बिलकुल न दें। अप्रमाणिक नंबर और ऐप अथवा बैंक से होने का दावा करें उन लोगों तो बिलकुल भी नहीं।
सावधान रहें। सुरक्षित रहें।
अधिक जानकारी इस लिंक पर प्राप्त करें:
• Cautionary Note - https://www.bajajfinserv.in/cautionary-notice-new.pdf
• Infosec Page - https://www.bajajfinserv.in/infosec-pages
• Fraud Awareness Blog - https://www.bajajfinserv.in/insights/fraud-awareness
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